हम जानते हैं कि लिंग परिवर्तन की किंवदंति भारतीय लोक कथाओं में अज्ञात नहीं हैं । हमे एक बहुत प्राचीन कथा का समरण हो आता है । ये कथा "इला" की है जो की वैवस्वत-मनु की पुत्री थी । वैवस्वत-मनु ने वरुण भगवान से पुत्र प्राप्ति के लिए प्रार्थना की,पर उनके एक पुर्त्री का जनम हुआ, क्यों की वैवस्वत-मनु की पत्नी पुत्री चाहती थी,पिता की देवताओं से प्रार्थना के परिणामस्वरूप वह पुत्री, एक पुरुष "सुद्युम्ना" में बदल गई थी और अंत में भगवन शिव उसे फिर से एक स्त्री में बदल दिया और वह उसी रूप में बुद्ध (बुद्धि) की पत्नी बन गई थी । आधुनिक समय में हमें भदावर के भदौरिया राजा की बेटी की बहुत इसी तरह की कहानी सुनने को मिलती है. महाराजा भदावर बदन सिंह भदौरिया और तत्कालीन राजा परमार के साथ घनिष्ठ मित्रता थी । जब उनकी रानियो ने गर्भ धारण किया तब दोनो के बीच समझौता हुआ कि जिसके भी कन्या होगी,वह दूसरे के पुत्र से शादी करेगा, राजा परमार और राजा भदावर दोनो के ही कन्या पैदा हो गई पर राजा भदावर ने अपना वचन पूरा करने के लिए राजा परमार को सूचित कर दिया कि उनके पुत्र पैदा हुआ है । उनकी झूठी